ततैया के छत्ता को नारियल के तेल में उबालकर लगाने से बाल उग जायेंगे ऐसा कहा और सुना जाता है, लेकिन इसके बारे में कोई वैज्ञानिक बेंचमार्क अध्ययन उपलब्ध नहीं हैं।
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लेकिन ये पूरा सच नहीं है!
ततैया के छत्ते के तेल से सिर में 100% नए बाल उगाये जा सकते है, लेकिन आयल बनाने विधि और तेल बनाने के लिए उपयोग में लिए गए इनग्रेडिएंट (Ingredients) पर निर्भर करता है। ततैया का छत्ता पूरी तरह से वैज्ञानिक है इसमें पाए जाने वाले तत्व और उनका गंजे सिर पर प्रभाव संतोषजनक है।
ततैया का छत्ता क्या होता है ?
ततैया एक प्रकार का कीट पतंग है। भारत में इसे भिरड़, बर्रे, बरैया, पीली ततैया और गंधेली नामों से भी जाना जाता है। अंग्रेजी में इसे (wasps) के नाम से जाना जाता है। वैज्ञानिक दृष्टि से इसे हायमेनोप्टेरा (Hymenoptera) गण और आपोक्रिटा (Apocrita) उपगण के अंदर रखा गया है और ये माना जाता की हर वह कीट जो चींटी या मक्खी न हो सभी हायमेनोप्टेरा गण के सदस्य हैं।
ततैया पीले रंग का होता है और मधुमक्खी की तरह ही दिखता है। मधुमक्खी की तरह ततैया भी छत्ता बनाकर अपने अंडे को रखता है लेकिन ततैया का छत्ता मधुमक्खी के छत्ते के काफी बिपरीत होता है।
ततैया अपना छत्ता अपने मुँह की लार से बनाता है। ततैया के छत्ते का डिज़ाइन दिखने में मधुमक्खी जैसा ही होता है लेकिन ततैया के छत्ता में न सहद होता है और न ही मोम। ततैया अकेले या झुण्ड में रहते हैं जिसमें एक अण्डें देने वाली रानी होती है और अन्य सभी ततैयें कर्मी होते हैं।
ततैया जायदातर लोगो के घरों में, पुराने खण्डरों और पानी के कुंड के आसपास मडराते हुए नज़र आते है और वहीं पर दीवारों पर छत्ता बना लेते हैं। अगर इनको किसी प्रकार से छेड़ा जाए या परेशान किया जाए तो ततैया डंक मार कर काट लेती है। ततैया के डंक मारने से काफी दर्द होता है और कटे हुए जगह पर सूजन भी हो जाती है।
ततैया छत्ता के तेल में क्या है वैज्ञानिक तथ्य और तत्व ?

ततैया “भिरड़” के छत्ते में मुख्या रूप से पाए जाने वाले प्राकृतिक तत्व है :-
- मेलिटिन (MELITTIN)
- अपामिन (APAMIN)
- एम सी डी पेप्टाइड (MCD PEPTIDE)
- हिस्टामिन (HISTAMINE)
साथ ही ततैया छत्ता में भरपूर मात्रा में पाया जाता है :
- लयसिन (LYSINE)
- टीरोसिन (TYROSINE)
ततैया के छत्ते में उच्चतम मात्रा में पाए जाते है :
- एमिनो एसिड्स (AMINO ACIDS)
- प्रोटिनोजेनिक एमिनो एसिड्स (PROTEIONOGENIC AMINO ACIDS)
ततैया के छत्ते में उच्च गुणवत्ता के खनिज (Minerals) सामग्री पाए जाते हैं, विशेष रूप से सूक्ष्म खनिज (Micro Minerals) जैसे :
- लोहा (IRON)
- ज़िंक (ZINK)
- पोटासियम (POTASSIUM)
- सोडियम (SODIUM)
- सिलिकॉन (SILICON)
- एल्युमीनियम (ALUMINIUM)
- मैग्नेसियम (MEGNESIUM)
- विटामिन एच (VITAMIN-H)
ततैया का छत्ता वैज्ञानिक दृष्टि से बाल उगाने के लिए एवं बालों की सुरक्षा के लिए बहुत ही उपयोगी है। क्योक इतने सारे महत्वपूर्ण तत्व दुनिया के किसी भी बालों के तेल में नहीं पाए जाते है जितना अकेले ततैया छत्ते में पाए जाते है। इसलिए कहा जा सकता है की ततैया के छत्ते का तेल पूर्ण रूप से scientefic है। बाल को झड़ने से रोकने के लिए ततैया के छत्ते का तेल बहुत उपयोगी है हेयर फॉल मात्र एक हफ्ते में रुक जायेगा अगर आपके पास सुद्ध प्राचीन विदी से निर्मित ततैया छत्ता का असली तेल उपलब्ध है तो, क्योकि ततैया के छत्ते में पाया जाता है Lysine और Zink जो झड़ते हुए बाल की जड़ों में पहुंच कर बालों की जड़ को मजबूत करते हैं और हेयर फॉलिकल्स के लिए blood flow को सुचारु करते है।
ततैया के छत्ते के तेल से नए बाल उगाए जा सकते है ?
ततैया के छत्ते में प्राकृतिक रूप से एल्केलॉइड्स (Alkaloid) और टरपेनोइड्स (Terpenoids) पाए जाते है जो हेयर फॉलिकल (Hair Folicles) को एक्टिवेट करते है, जिस से सुसुप्त अवस्था में पड़ा हुआ हेयर फॉलिकल बालों की जड़ फिर activate होकर पुनः अपनी ग्रोथ सुरु कर देती है। और ४ से ६ हफ्ते में छोटे छोटे नए बाल गंजे सिर में उगते हुए नज़र आने लगते है।
ततैया के छत्ते का 100% ओरिजिनल तेल कैसे बनाते हैं ?
सबसे महत्वपूर्ण है की ततैया के छत्ते का तेल प्राचीन आयुर्वेदिक विधि से तैयार किया जाए। ततैया के छत्ते का सुद्ध तेल बनाने के लिए क्या क्या जड़ी बूटी और सामिग्री की जरुरत होती है :
“२०० ग्राम ततैया छत्ते का तेल बनाने के अनुपात के हिसाब से”
- ततैया का छत्ता एक बड़ा या ४ छोटे टुकड़े (अनुपात : ५०-६० ग्राम)
- २०० ग्राम कच्ची घानी नारियल का तेल
- २०० ग्राम गुड़हल के पत्ते और फूलो का रस
- १०० ग्राम छोटी सफ़ेद प्याज का रस
- १०० ग्राम आवला का रस
- १० से २० ग्राम प्रति सिकाकाई, मेथी बीज, कलोंजी, जटामासी, भृंगराज और ब्राह्मी
- १० ml सॉ पाल्मेटो आयल (Saw Palmetto Oil)
- १० ml पम्पकिन सीड आयल (Pumpkin Seed Oil)